कालभैरवाष्टकं पठंति ये मनोहरं ज्ञानमुक्तिसाधकं विचित्रपुण्यवर्धनम् ! अर्थ - काशी के परम स्वामी भगवान कालभैरव को नमन, जिन्हाेंने अपने हाथ में शूल, टंक, पाश और दंड धारण किया हुआ है; जिसका शरीर श्यामवर्ण है, जो आदिम भगवान हैं, जो अजेय हैं, और दुनिया के रोगों से मुक्त हैं; जो https://fernandoxodth.izrablog.com/25643926/5-essential-elements-for-kaal-bhairav-mantra