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The Definitive Guide to hanuman mantra

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जनम जनम के दुख बिसरावै ॥३३॥ अन्त काल रघुबर पुर जाई । ओम् ऐं ह्रीं हनुमते रामदुते लंकविधवंसने अंजनी गर्भ सम्भुतय शकिनि डाकिनी विध्वंसनाय किलकिली बुबुकरेन विभीषण हनुमददेवय ओम ह्रीं ह्रीं हं फट् स्वाहा जम कुबेर दिकपाल जहां ते। कवि कोबिद कहि सके कहां ते॥ Notice: Shabar Mantra need to https://thetopdirectory.com/listings13207947/not-known-details-about-hanuman-mantra

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